जोड़ों का दर्द
प्राणियों के शरीर में जब दो या दो से अधिक हड्डियाँ एक स्थान पर आपस में मिलती है तो उन्हें जोड़ या संधि कहते है .इन जोड़ों का हमारे शरीर में महत्वपूर्ण स्थान हैं उठाना-बैठना, चलाना-फिरना कार्य करना आदि सभी क्रियाओं जोड़ों के कारण ही संभव हैं. जोड़ों के कारण ही हम हाथ-पैर को आवश्यकतानुसार घूमने वाली क्रियाओं का लाभ ले सकते.
जोड़ व्यक्ति के प्रगति में गतिशीलता देता हैं ये गतिशीलता के कारण में विक़ार ग्रस्त होते ही जोड़ों का दर्द होने का आभास हो जाता हैं जिसका मूल कारण आधुनिक जीवन शैली के कारण जोड़ों के दर्द में आहार की भूमिका को नकारा नही जा सकता. मैं की भूमिका में मैं और मेरा विचार विकृत हो जाता तो में और आप मिल कर उस को ठीक करने की भूमिका भूल जाते हैं. तो रोगी व्यक्ति कोई कार्य करने में या चलने फिरने में में असमर्थ हो जाता हैं जैसे नपुसंकता घेर लेती और हाथ-पैर , ऊँगली धुटने आदि की संधियों में सूजन या दर्द से गठिया होने पर गठिया का दर्द व्यक्ति का जीना दुखद हो जाता हैं .
कारण = इस बीमारी का मूल कारण अपनी जीवन शैली से प्रभावित वात अर्थात वायु कुपित होने से होता हैं .एक साथ विरोधी आहारो का सेवन जैसे माँस-मछली से साथ दूध का सेवन, कब्ज रहने पर भी भोजन करना ,तैलीय पदार्थों का अधिक सेवन, देर से हजम होने वाले भोजन, जटिल प्रोटीन वाले भोजन, रात का बासी भोजन, अधिक ठंडा का सेवन इत्यादि के साथ अधिक मोटापा और वृदावस्था में भी इस बीमारी को भुगतना पड़ता हैं, अगर युवा अवस्था में यह बीमारी हो जाती तो पारिवारिक जीवन जीने में खुद के साथ अपने जीवन साथी को भी सजा के तौर पर भुगतना पड़ता हैं .
नैदानिक चिकित्सा = में होम्योपैथ चिकित्सा से प्राथमिक उपचार निम्नलिखित रूप से लिया जा सकता हैं , लक्षण
1. पैरो के जोड़ों पर गठिया का प्रकोप,लाल चकमदार सूजन के साथ-साथ दर्द, बैचेनी व् डर हो तो एकोनाईट नैप 200 समय 2 2 घंटो बाद
2. प्रदाह के साथ-साथ दर्द, हिलना-डुलने से बदतर हो तो ,ब्रायोनिया एल्ब 200 या 1 m समय 6 6 घंटा बाद
3.आराम के बाद और अचानक ठंड लगने से रोग बढ़े , चलने फिरने से आराम हो तो रस टाक्स . 200 या 1 m समय 4 4 घंटे बाद
4. जब रस टाक्स काम न करे, नम और ठंडे मौसम में दर्द बढ़े चलने फिरने में शांत हो तो , कैलकेरिया कार्ब 200 या 1 m समय 6 6 घंटे बाद
5. तेज दर्द, जैसे किसी अंग को मरोड़ दिया जाता हो, स्पर्श तक न सहा जाए ऐसा लगे जैसे पास आता कोई भी व्यक्ति दर्द वाले भाग को ठोकर मार देगा और दर्द बढ़ जायेगा , हो तो अर्निका मौंट . 200 समय 4 4 घंटे बाद
6. लम्बी हड्डियों में दर्द, चोट लगने के कारण या वात-विक़ार के कारण भी हो सकता है तो, रुटा जी 30 समय 6 6 घंटा से
7. पंजो की अंगुलियों, अंगूठो और जोड़ों में सूजन के साथ-साथ, गठिया चलने में खिचाव भरे दर्द और पीड़ा दबाने, चलने या गरमाई पाने पर रोग बढ़े, दर्द उपर की बढ़े ठंडी से आराम हो तो लीडम पैल. 200 समय चार-चार घंटे बाद
8 . बायोकेमिक औषधि ---- मैग फ़ांस. 6 x , बयोकाम्बिनेशन नं. 8
नोट = इस बीमारी का इलाज के कारणों के साथ आयु, जीवन शैली में आहार विहार का परीक्षण के बाद ही दिया जाता क्यों की दर्द की अवस्थाओं में भिन्नता होती जैसे हाथों के जोड़, पावो के जोड़ में समानता नही, फिर अहंकार की रुकावट कितनी, भय और भ्रम कितना इस प्रकार जाँच होने के उपरांत उपयुक्त उपचार संभव होता है .
अपनी दिशा बदलो दशा अपने आप बदल जाएगी ,.. Change its direction will change on its own.. AAYURVED, MODREN, NUTRITION DIET & PSYCOLOGY गोपनीय ऑनलाइन परामर्श -- आपको हमारा परामर्श गोपनीयता की गारंटी है. हमारा ब्लॉग्स्पॉट, विश्वसनीय, सुरक्षित, और निजी है. एक उर्जावान, दोस्ताना, पेशेवर वातावरण में भौतिक चिकित्सा के लिए सर्वोत्तम संभव कार्यक्रम प्रदान करना है.
इनका इलाज तो बताओं :)
जवाब देंहटाएंसशुल्क सेवा मिलेगी साहब
हटाएंइस बीमारी का इलाज के कारणों के साथ आयु , जीवन शैली में आहार विहार का परिक्षण के बाद ही दिया जाता क्यों की दर्द की अवस्थाओं में भिन्नता होती जैसे हाथो के जोड़ ,पावो के जोड़ में समानता नही ,फिर अहंकार की रुकावट कितनी , भय और भ्रम कितना इस प्रकार जाँच होने के उपरांत उपयुक्त उपचार संभव होता है .
जवाब देंहटाएंसभी के घरो में ये बीमारी पाई जाती. मुझे लगता आपकी बात नही माना तो लगा वो ठीक नही हो सकता क्योकि आप दैहिक बीमारी के साथ मनोदैहिक बीमारी का इलाज करते . शुभकामनाए जी .
जवाब देंहटाएंsir jii mujhe jukam kabi khatm hi nhi hota main dawaiya kha kha kar presan ho gya hu agar aap ke pass es ka koi upay hai toh plzz batiye !!
जवाब देंहटाएंआप को आहार विहार पर ध्यानपूर्वक अध्ययन की आवशयकता हैं , जल्दी ही इस बीमारी पर ब्लॉग लिखूंगा >>>
जवाब देंहटाएं