गुप्त रोग - हस्तमैथून = मनुष्य का मन में तो उज्जवल विचार होते है ,परन्तु इन की इच्छा दूषित होते है .जो अनचाहे व अनजाने अनेक वासनाओ से घीर जाता है. अनेक कोशिशों के बावजूद इनकी काम वासना शांत नही होती ,यह बड़ी दुखद स्थिति होती है .इनकी काम वासना की परिणति सदा अवसाद में होती है जों गहरी पीड़ा और इस समय इनका कोई साझीदार नही होता .जों पीड़ा अवश्य मन में पलती जिससे मन विकल होता किसका कारण वासनाओं का आकर्षण होता है .वह वेदना को अकेलेपन में जीता हुआ किशोरावस्था से प्रोढ़ावस्था में बीत जाता है .अब कोई रास्ता नही दीखता और आंतरिक संघर्ष की घड़ी में वासना से हस्त मैथुन करता रहता है .जों यंत्र चालित हाथ हो जाते है ,जिसके कारण शारीरिक, मानसिक परेशानियों के कारण यह जवानी अपमान और तिरस्कार में जीवन बीतता है .
अपनी दिशा बदलो दशा अपने आप बदल जाएगी ,.. Change its direction will change on its own.. AAYURVED, MODREN, NUTRITION DIET & PSYCOLOGY गोपनीय ऑनलाइन परामर्श -- आपको हमारा परामर्श गोपनीयता की गारंटी है. हमारा ब्लॉग्स्पॉट, विश्वसनीय, सुरक्षित, और निजी है. एक उर्जावान, दोस्ताना, पेशेवर वातावरण में भौतिक चिकित्सा के लिए सर्वोत्तम संभव कार्यक्रम प्रदान करना है.
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श्री मान जी नमस्कार
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