जोड़ों का दर्द arthritis & gout, पेशिकंकाली तंत्र musculoskeletal systam = गठिया अनेक प्रकार का होता हैं. गठिया जोड़ों से होनेवाली सूजन होती हैं..सभी मामलो में मोटापे की रोक थाम करना आवश्यक होता हैं क्योंकि ज्यादातर ये बीमारी मोटापे शरीर को ज्यादा होती हैं.मोटापा इस बीमारी का ज्यादा भुगतने वाला होता हैं.यानि की मोटापा होना इस बीमारी होना ही इस बीमारी के लिए खतरनाक होता हैं.क्योंकि मोटापे के कारण जोड़ों पर अत्यधिक वजन पड़ता है.दूसरे लोगो की तुलना में गठिया का रोगी कम फुर्ती ला होता हैं.
गाउट रोग भी गठिया से मिलता -जुलता होता हैं.तथा यह उपापचययात्मक मूल मेटाबोलिक metabolic origin का होता हैं .इस में जोड़ों में सूजन आ जाती हैं तथा दर्द होता हैं इस बीमारी का कारण यूरिक एसिड जमा होने से होता हैं.जब शरीर गुर्दों से नाइट्रोजनिक पदार्थों को निष्कासित किया जाता उस समय वो शरीर यूरिक एसिड का निर्माण होकर जोड़ों में जमा हो जाता हैं.गाउट में यूरिक एसिड पर्याप्त मात्र में निष्कासित नही होता हैं और इस प्रकार एसिड शरीर से जमा होता हैं .जो एक प्रकार से आधुनिक जीवनशैली से प्रभावित रोग होता हैं.अगर आहार-विहार को संतुलित रखा जाने से तो पूर्ण ठीक हो सकते है .
गाउट रोग भी गठिया से मिलता -जुलता होता हैं.तथा यह उपापचययात्मक मूल मेटाबोलिक metabolic origin का होता हैं .इस में जोड़ों में सूजन आ जाती हैं तथा दर्द होता हैं इस बीमारी का कारण यूरिक एसिड जमा होने से होता हैं.जब शरीर गुर्दों से नाइट्रोजनिक पदार्थों को निष्कासित किया जाता उस समय वो शरीर यूरिक एसिड का निर्माण होकर जोड़ों में जमा हो जाता हैं.गाउट में यूरिक एसिड पर्याप्त मात्र में निष्कासित नही होता हैं और इस प्रकार एसिड शरीर से जमा होता हैं .जो एक प्रकार से आधुनिक जीवनशैली से प्रभावित रोग होता हैं.अगर आहार-विहार को संतुलित रखा जाने से तो पूर्ण ठीक हो सकते है .
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