जीवन प्रबंधन कैसे करे != अक्षर अपना या परिवार के सदस्यों का जीवन प्रबंध कैसे करे का विचार आता है या अपने जीवन को कैसे सुचारु रूप से चलाने या भोगे .हमे जीवन में धीरे धीरे ही सीखते है कुछ कर्म तुरंत फलदायी होते है और कुछ कर्म देरी से फलदायी होते है जैसे आग से हाथ का जलवा ,दूध से दही का जमाना और आम का बोना और उस का फल लगाना में अंतर होता है ,ठीक वैसी ही हमारे कर्म और कर्म के फलो में अंतर होता है .उसी प्रकार से शिक्षा का ग्रहण करना मे और उस के परिणाम में समय लगता है .हर प्रकार का प्रबंधन छोटे छोटे बच्चों के कदम की तरह ही होता है .आग से हाथ का जलना एक नकारात्मक कर्म होता है ठीक वैसे ही गंदी भाषा या गालिया जल्दी सीखी जाती है और अच्छी बाते या आदत निर्माण का आप जैसा कर्म करेंगे वैसा फल को भोगने में वैसा ही समय लगता है .
अपनी दिशा बदलो दशा अपने आप बदल जाएगी ,.. Change its direction will change on its own.. AAYURVED, MODREN, NUTRITION DIET & PSYCOLOGY गोपनीय ऑनलाइन परामर्श -- आपको हमारा परामर्श गोपनीयता की गारंटी है. हमारा ब्लॉग्स्पॉट, विश्वसनीय, सुरक्षित, और निजी है. एक उर्जावान, दोस्ताना, पेशेवर वातावरण में भौतिक चिकित्सा के लिए सर्वोत्तम संभव कार्यक्रम प्रदान करना है.
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