अपने भीतरी छिपी उर्जा शक्तियों को पहचाने और लाभ ले ..भौतिकता और भक्ति .. भौतिकता [ मानव जीवन में दैनिक कार्य जो विकास के लिए , जीवन यापन के लिए ,सामाजिक आर्थिक जीवन जीने के लिए ] और भक्ति [ परिवार पोषण के साथ जीवन मरण से मोक्ष के लिए भगवान से प्रार्थना ] आसान हो ! [ 1 ] पहली परा शक्ति --यह सब शक्तियों का मूल और आधार है . [ 2 ] दूसरी, ज्ञान शक्ति . यह मन बुद्धि चित और अहंकार का रूप धारण कर मनुष्य की क्रिया का कारण बन जाती है, इसके द्वारा दूर दृष्टि ,अंतज्ञान और अंतदुष्टि जैसी सिध्दिया प्राप्त होती है , [ 3 ] तीसरी -इच्छा शक्ति यह शरीर के स्नायु मण्डल में लहरे उत्पन्न करती है , जिससे इन्द्रिया सक्रिय होती है और कार्य करने की तरफ संचालित होती है , जब यह शक्ति सतगुण से जुड़ जाती है तो सुख की ओर शांति की वृद्धि होती है . [ 4 ] चौथी -क्रिया शक्ति - सात्विक इच्छा शक्ति इसी के द्वारा कार्य रूप में परिणत फल को पैदा करती है . [ 5 ] पांच वी -कुण्डलिनी शक्ति - यह एक तरह से जीवन शक्ति है . इसके दो रूप है , समष्टि और व्यष्टि ; समष्टि का अर्थ है . पूरी सृष्टि में कई रूपों में विधमान रहना जैसे प्राण प्रकृति का जीवन तत्व .व्यष्टि - रूप में मनुष्य के शरीर के भीतर तेजोमय शक्ति के रूप में रहती है , इस शक्ति दुआरा मन संचालित होता है .इसे परमात्मा की ओर मोड़ दे तो माया के बंधन से मुक्ति मिलती है। यह साधना से जागृत होती है ,[ 6 ] छट्टी - मात्र का शक्ति - यह अक्षर विज्ञान अक्षर शब्द , वाक्य ज्ञान विधा की शक्ति है .मन्त्रो में शब्दों के शब्दों के प्रभाव कारण यही है ,इसमे बिना कुंडलीनी शक्ति नही जागती है . इस प्रकार अपनी शक्तियों पहचाने और उसमे सुधार करे ...
अपनी दिशा बदलो दशा अपने आप बदल जाएगी ,.. Change its direction will change on its own.. AAYURVED, MODREN, NUTRITION DIET & PSYCOLOGY गोपनीय ऑनलाइन परामर्श -- आपको हमारा परामर्श गोपनीयता की गारंटी है. हमारा ब्लॉग्स्पॉट, विश्वसनीय, सुरक्षित, और निजी है. एक उर्जावान, दोस्ताना, पेशेवर वातावरण में भौतिक चिकित्सा के लिए सर्वोत्तम संभव कार्यक्रम प्रदान करना है.
रविवार, 7 अक्टूबर 2012
अपनी ऊर्जा शक्तियों को जाने तथा उनका विकास करे
लेबल:
अपनी शक्ति
M.A. Psychology, DNYS, DNHE, CHMS, Aayurved Ratn, CBT/ERP Therapy और संपर्क नंबर 98290 85951
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