दमा ,अस्थमा ,साँस का फूलना ,साँस की तकलीफ़ = इस प्रकार की बीमारी का होना आम बात है, बच्चे से लेकर जवान और बुज़ुर्ग में इस के कारण अलग अलग होते है, शारीरिक कमज़ोरी,खून की कमी ,प्रोटीन की कमी ,वीर्य की कमी ,कैल्शिम की कमी ,पाचन क्रिया का कमजोर होना ,अधिक शीत आहार विहार का उपयोग ,धुल-धुआ ,मौसम या अन्य प्रकार से एलर्जी के कारण श्वास नली में कफ की वृद्धि और श्वास नली में संक्रमण के साथ सूजन होने से पर्याप्त आंक्सीजन की शरीर को पूर्ति नही हो पाती एवं प्रतिरोध क्षमता के कमजोर हो जाने से भी दमा या साँस की बीमारी हो सकती है .किसी किसी में आधुनिक दवाइयों के अधिक सेवन से भी दम का फूलना देखने में मिलता है ,आधुनिक दवाइयों के सेवन में उन के साइड इफेक्ट के कारण भी हो सकता है ,मौसम परिवर्तन में भी दमा की शिकायत जैसे किसी को बरसात के मौसम में कष्ट से सांस लेना पड़ता है . बार-बार सर्दी जुखाम के बिगड़ जाने से ,निमोनिया के बिगड़ जाने से भी दमा की शिकायत हो सकती है ,अन्य बीमारी के कारण भी अस्थमा की बीमारी हो सकती है .कुल मिलाकर मूल कारण का निदान करना जरूरी होता है . बचाव = खास करके ठंडा खाना पीना ,प्याज़ ,तेल ,खट्टी ,घी ,दही ,दूध,केला, धुल-धुआँ,बेर और इमली-अमसुर को नही खाए. उपाय = गर्म भाप ले और गर्म पानी से पावो को डुबो ये ,अंकुरित चने का सेवन करे ,खजूर का सेवन करे ,गोमूत्र में शहद व् तुलसी पत्र मिलाकर सेवन करे .अपनी उर्जा को संतुलित बनाये रखे .
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