एडमिने
एडमिनापन एक उभरती आधुनिकता की इंटरनेट गाली.
समय परिवर्तनशील होता हैं, पुराने जमाने में एक शब्द राजकीय [ शासकीय ] कर्मचारी के लिए सम्बोधन शब्द था, कमीण. कमीण से कमीणा शब्द क्रोध या गुस्से से पुकारा जानेवाला शब्द बना,
राणा महाराणाओ, राजा महाराजाओ के शासनकाल में व्यवस्थाओ के लिए नौकर रखे जाते उस समय शासकीय व्यवस्था को देख रेख के लिए उन नौकरों को कमीण बोला जाता था. उन नौकरों को उस समय मासिक वेतन नहीं मिलता था. उन कमीनो को छ्मासिक फसलो से हिस्सा दिया जाता और तीज त्यौहार पर को नया दिन माना जाता, जो एक वर्ष के बाद आता. जिसको भोजन कपड़ो से वस्तु विनमय कर के दिया जाता. उन व्यवस्थापको की जवाबदारी के मध्य जब वो भ्रष्टाचार के माध्यमो जनता को परेशान किया जाता तो उसके पीठ पीछे जनता कमीण को कमीना कह कर पुकारते.
कमीना [ कमिंणा या कमीने ] जिसको कभीकभार कोई हरामी या हरामजादा भी कह कर पुकारा जाता उसी भाती आज नये इंटरनेट के ज़माने में इंटरनेट समूहों में एडमिन या एडमिना [ एडमिनापन ] भी गाली बनता जा रहा हैं.
कैसे और क्यों यह शब्द गाली बनता जा रहा देखे.
आज हर एक **बुक पर समूह पेज बना रहा हैं. जिसकी व्यवस्था के लिए अवैतनिक एडमिन दो-चार रक्खे जा रहे, जिनके विशेष नियम नहीं होते अथवा आचार सहिता होती नहीं उस समूह की प्रकृति मान लो.
1. मेंडक के स्वभाव के सारे सदस्य हैं, और उस समूह में कोई साप किस्म का मेम्बर आ जाता तो उसका विरोध करने का कोई उपाय नहीं होता उसका विरोध पर समूह की बिना सलाह की बजाय एक का एडमिनापन भारी.
2. कुछ समूह गिदडो के स्वभाव के समान उसमे शेर स्वभाव को सदस्य आ जाता तो उस शेर को बाहर का रास्ता दिखाना में उनका विरोध पर समूह की बिना सलाह की बजाय, एक का एडमिनापन भारी.
3. कुछ समूह चन्दन की खुशबूदार में कोई गर्म तासीर का व्यक्ति भी आ जाता तो वहा से आगन्तु को शीतलता मिलती उसकी संख्या कम हैं, उनका विरोध तो समूह की बिना सलाह की बजाय, एक का एडमिनापन भारी.
4. कुछ समूह साफ-सुथरे पर शिक्षा को भेदभाव में अधिक-निम्न के असंतुलन में विरोध में उनका विरोध पर समूह की बिना सलाह की बजाय एक का एडमिनापन भारी.
5. कुछ समुह थोथे जिनके बड़े-बड़े बडबोलापन घर पर क्या समीकरण पता नहीं और दुनिया करली मुठी में वहा कोई सच बोल दे तो उनका विरोध पर समूह की बिना सलाह की बजाय, एक का एडमिनापन भारी.
6. कुछ समूह मुह में राम बगल में छुरी और उनका कोई सच्चा विरोध करे तो उस विरोध पर समूह की बिना सलाह की बजाय, एक का एडमिनापन भारी.
7. उत्तम समूहों का यहाँ कोई अनुसन्धान नहीं किया गया जिनकी संख्या बहुत कम कटु सत्य हकीकत तो समान विचारो का ही समूह होता हैं.
उस समय कोई एडमिन उस विरोधी प्रकृति वाले को बाहर निकाल देते जब की अपनी आचार सहिता पर कोई प्रबंधन नहीं होता या आपसी सहमतियों के विरोध निर्णय की पहुच से दूर करके एक एडमिन जैसे "चाय से केतली ज्यादा गर्म" का स्वभाव वाले एड्मिनापन ही कहा जाता हैं.
जो एक कमीने की तरह की गाली एड्मिने बनता जा रहा हैं.
एडमिनापन एक उभरती आधुनिकता की इंटरनेट गाली.
समय परिवर्तनशील होता हैं, पुराने जमाने में एक शब्द राजकीय [ शासकीय ] कर्मचारी के लिए सम्बोधन शब्द था, कमीण. कमीण से कमीणा शब्द क्रोध या गुस्से से पुकारा जानेवाला शब्द बना,
राणा महाराणाओ, राजा महाराजाओ के शासनकाल में व्यवस्थाओ के लिए नौकर रखे जाते उस समय शासकीय व्यवस्था को देख रेख के लिए उन नौकरों को कमीण बोला जाता था. उन नौकरों को उस समय मासिक वेतन नहीं मिलता था. उन कमीनो को छ्मासिक फसलो से हिस्सा दिया जाता और तीज त्यौहार पर को नया दिन माना जाता, जो एक वर्ष के बाद आता. जिसको भोजन कपड़ो से वस्तु विनमय कर के दिया जाता. उन व्यवस्थापको की जवाबदारी के मध्य जब वो भ्रष्टाचार के माध्यमो जनता को परेशान किया जाता तो उसके पीठ पीछे जनता कमीण को कमीना कह कर पुकारते.
कमीना [ कमिंणा या कमीने ] जिसको कभीकभार कोई हरामी या हरामजादा भी कह कर पुकारा जाता उसी भाती आज नये इंटरनेट के ज़माने में इंटरनेट समूहों में एडमिन या एडमिना [ एडमिनापन ] भी गाली बनता जा रहा हैं.
कैसे और क्यों यह शब्द गाली बनता जा रहा देखे.
आज हर एक **बुक पर समूह पेज बना रहा हैं. जिसकी व्यवस्था के लिए अवैतनिक एडमिन दो-चार रक्खे जा रहे, जिनके विशेष नियम नहीं होते अथवा आचार सहिता होती नहीं उस समूह की प्रकृति मान लो.
1. मेंडक के स्वभाव के सारे सदस्य हैं, और उस समूह में कोई साप किस्म का मेम्बर आ जाता तो उसका विरोध करने का कोई उपाय नहीं होता उसका विरोध पर समूह की बिना सलाह की बजाय एक का एडमिनापन भारी.
2. कुछ समूह गिदडो के स्वभाव के समान उसमे शेर स्वभाव को सदस्य आ जाता तो उस शेर को बाहर का रास्ता दिखाना में उनका विरोध पर समूह की बिना सलाह की बजाय, एक का एडमिनापन भारी.
3. कुछ समूह चन्दन की खुशबूदार में कोई गर्म तासीर का व्यक्ति भी आ जाता तो वहा से आगन्तु को शीतलता मिलती उसकी संख्या कम हैं, उनका विरोध तो समूह की बिना सलाह की बजाय, एक का एडमिनापन भारी.
4. कुछ समूह साफ-सुथरे पर शिक्षा को भेदभाव में अधिक-निम्न के असंतुलन में विरोध में उनका विरोध पर समूह की बिना सलाह की बजाय एक का एडमिनापन भारी.
5. कुछ समुह थोथे जिनके बड़े-बड़े बडबोलापन घर पर क्या समीकरण पता नहीं और दुनिया करली मुठी में वहा कोई सच बोल दे तो उनका विरोध पर समूह की बिना सलाह की बजाय, एक का एडमिनापन भारी.
6. कुछ समूह मुह में राम बगल में छुरी और उनका कोई सच्चा विरोध करे तो उस विरोध पर समूह की बिना सलाह की बजाय, एक का एडमिनापन भारी.
7. उत्तम समूहों का यहाँ कोई अनुसन्धान नहीं किया गया जिनकी संख्या बहुत कम कटु सत्य हकीकत तो समान विचारो का ही समूह होता हैं.
उस समय कोई एडमिन उस विरोधी प्रकृति वाले को बाहर निकाल देते जब की अपनी आचार सहिता पर कोई प्रबंधन नहीं होता या आपसी सहमतियों के विरोध निर्णय की पहुच से दूर करके एक एडमिन जैसे "चाय से केतली ज्यादा गर्म" का स्वभाव वाले एड्मिनापन ही कहा जाता हैं.
जो एक कमीने की तरह की गाली एड्मिने बनता जा रहा हैं.
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