जीवन प्रबंधन कैसे करे ! ! आप को समाज में जीना पड़ता है जिसमे माता-पिता,जीवन साथी, भाई-बहन,औलाद ,दोस्तों के साथ मेहमान या अजनबी के साथ भी समय बिताना होता है जिसमे मुख्य सात प्रकार से ओर जीवन साथी से आठ प्रकार से जीवन मूल्यों को विकसित करना जरूरी होता है [ १ ] परस्पर संबंध आप के व् जिनसे व्यवहार है उन से उत्तम किस्म के सम्बन्ध होने चाहिए [ २ ] परस्पर कार्य क्षमता एक दूसरे की कार्य क्षमता समान रूप से होनी चाहिए [ ३ ] एक दूसरे की को समझने की शक्ति = एक दूसरे को समझने की कोशिश करनी चाहिए, भरोसा करना जरूरी होता है [ ४ ] परस्पर प्राकृतिक स्वभाव= एक दुसरेके प्राकृतिक स्वभाव होना जरूरी है ताकि रिश्ता अच्छा निभा सके [ ५ ] एक दूसरे का विवेक संतुलन = एक दूसरे के विवेक संतुलन बना ये रखे जिससे आपा खोया नही जाता है [ ६ ] एक दूसरे की अभी रूचि = एक दूसरे की अभी रूचि का ध्यान पूर्वक व्यवहारों की पालना करे [ ७ ] एक दूसरे की जीवन शैली व्यवहार = एक दूसरे की जीवनशैली का रूचि पूर्वक ध्यान पूर्वक व्यवहार बना ये और [ ८ ] शारीरिक संबंध एवं सन्तान पक्ष = अब बारी आती अपने जीवन साथी से जों सभी सामाजिकता से उपर अपने आप शारीरिक सबंधो का ध्यान रखते हुए अपने सन्तान पक्ष को जवाब दारी से सफलता पूर्वक मांग पूर्ति कर्ता बने ..अगर इस प्रकार से ध्यानमग्न रहेंगे तो आप का जीवन प्रबंध उत्तम कोटि का बन जायेगा ...
अपनी दिशा बदलो दशा अपने आप बदल जाएगी ,.. Change its direction will change on its own.. AAYURVED, MODREN, NUTRITION DIET & PSYCOLOGY गोपनीय ऑनलाइन परामर्श -- आपको हमारा परामर्श गोपनीयता की गारंटी है. हमारा ब्लॉग्स्पॉट, विश्वसनीय, सुरक्षित, और निजी है. एक उर्जावान, दोस्ताना, पेशेवर वातावरण में भौतिक चिकित्सा के लिए सर्वोत्तम संभव कार्यक्रम प्रदान करना है.
रविवार, 14 अक्टूबर 2012
हम अपना जीवन प्रबन्धन कैसे करे
लेबल:
जीवन प्रबन्धन
M.A. Psychology, DNYS, DNHE, CHMS, Aayurved Ratn, CBT/ERP Therapy और संपर्क नंबर 98290 85951
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
thanks for sharing..
जवाब देंहटाएं