अपना जीवन प्रबंधन कैसे करे ! आप को मालूम होगा की आप जों कुछ है उसके पिच्छे प्रमुख बात रही है की अपनी सोच ,इस विचार या सोच के कारण ही आप की अभिवर्ती और आकृति बनी होती और हम अच्छे बुरे होने का अभिनय कर सकते है फिर भी हमारे में हम सुधरने के प्रयास नही करते .मेरा तीन चित्रों से आप को कल्पना के सागर में ले जाता हुं [ १ ] एक कमरे में अश्लील चित्र लगे है , [ २ ] दूसरे कमरे में वीर क्रांति कारी योद्धा के चित्र लगे और [ ३ ] तीसरे में भगवान के चित्र लगे है .ज्योही आप पहले कमरे में प्रवेश करते आप की वासनात्मक विचारधारा आ ही जाएगी.इस के बाद दूसरे कमरे में प्रवेश करते तो आप में जोशी ले विचारधारा आ ही जाएगी और इसके बाद आप तीसरे कमरे में जाते है तो भगवान से प्रार्थनाओं के विचारधारा का आना शुरु हो जाता है .अब आप जान ली जिये की आप उन तीनों कमरों में किस कमरे में ज्यादा अपने आप को रोकना चाहेंगे , वैसी ही आप स्वंय अपनी प्रकृति के मानसिकशक्तिमूल के पात्र बन जायेंगे .
अपनी दिशा बदलो दशा अपने आप बदल जाएगी ,.. Change its direction will change on its own.. AAYURVED, MODREN, NUTRITION DIET & PSYCOLOGY गोपनीय ऑनलाइन परामर्श -- आपको हमारा परामर्श गोपनीयता की गारंटी है. हमारा ब्लॉग्स्पॉट, विश्वसनीय, सुरक्षित, और निजी है. एक उर्जावान, दोस्ताना, पेशेवर वातावरण में भौतिक चिकित्सा के लिए सर्वोत्तम संभव कार्यक्रम प्रदान करना है.
बुधवार, 17 अक्टूबर 2012
आप स्वय अपनी प्रकृति के मानसिकशक्तिमूल के पात्र बन जायेंगे
लेबल:
जीवन प्रबन्धन
M.A. Psychology, DNYS, DNHE, CHMS, Aayurved Ratn, CBT/ERP Therapy और संपर्क नंबर 98290 85951
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें