सभी प्राणियों में प्राय एक समानता पाई जाती नींद, आहार और मैथुन नींद, नींद ,नींद मुझे नही आती, मुझे नींद बहुत गहरी आती और मुझे तो नींद आती जाती रहती है . इस प्रकार की तीनों में नींद के प्रकार की समस्याओं को एक दूसरे समझने में कठिनाई आती है, तीनों सवालों के जवाब भी भिन्न भिन्न होगा और आपस में एक दूसरों को समझना बड़ा कठिनाइयों भरा होता है क्योंकि आप बीती रात का ही ज्यादातर अनुभव होता है एवं हमने को सिखा उसको छोड़ नही पाते कारण की हम सहानुभूति पूर्ण हो होते परन्तु सहानुभूति की सकारात्मक सोच की जानकारी नही ले पाते. मानव के लिए नींद का लेना जरूरी होता है स्वास्थ्यवर्धक नींद आना आ जाती तो दूसरा दिन अच्छा बीतता है. पर्याप्त भरपूर नींद आने वाले को ताज़गी भरी स्फूर्ति का अनुभव होता है, अच्छी नींद नही आने से उबासियाँ आती है, काम काज में मन नही लगता, चिडचिडापन बढ़ जाता है और ज्यादा नींद निकालने वाला आलसीपन हो जाता है और आज का काम कल पर छोड़कर आरामदायक जीना चाहता है ,.आगे जारी ................
अपनी दिशा बदलो दशा अपने आप बदल जाएगी ,.. Change its direction will change on its own.. AAYURVED, MODREN, NUTRITION DIET & PSYCOLOGY गोपनीय ऑनलाइन परामर्श -- आपको हमारा परामर्श गोपनीयता की गारंटी है. हमारा ब्लॉग्स्पॉट, विश्वसनीय, सुरक्षित, और निजी है. एक उर्जावान, दोस्ताना, पेशेवर वातावरण में भौतिक चिकित्सा के लिए सर्वोत्तम संभव कार्यक्रम प्रदान करना है.
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
नींद आना जरूरी है , मेरा तो दिल करता है ऑफिस मे भी 2 घंटे नींद ले ही लूँ। :)
जवाब देंहटाएंજીહા તમે નીંદ નીકળી શકો ,મજ્હા આવછે , તમને Rajput[ https://www.facebook.com/ak.rajput2]साहिब
जवाब देंहटाएं