हम हमारा जीवन प्रबंधन कैसे करे ! मन सतोगुण किस प्रकार से रजोगुण में परिवर्तन हो जाता है कहने का मतलब काम से क्रोध में परिवर्तन हो जाता है ,जिस तरह इमली के सम्पर्क से दूध दही में बदल जाता है .इसी प्रकार से मोह निरंतर बना रहता है जिस से संतुष्टि नही मिलती तब, मोह को टूटने देख क्रोध में परिवर्तित हो जाता है .काम-क्रोध को आत्मिक बना कर हनुमानजी की तरह शुक्ष्म रूप से विराट् रूप समान बना कर काम रूपी लंका को जला डाले ,या जलाया जा सकता है ...
अपनी दिशा बदलो दशा अपने आप बदल जाएगी ,.. Change its direction will change on its own.. AAYURVED, MODREN, NUTRITION DIET & PSYCOLOGY गोपनीय ऑनलाइन परामर्श -- आपको हमारा परामर्श गोपनीयता की गारंटी है. हमारा ब्लॉग्स्पॉट, विश्वसनीय, सुरक्षित, और निजी है. एक उर्जावान, दोस्ताना, पेशेवर वातावरण में भौतिक चिकित्सा के लिए सर्वोत्तम संभव कार्यक्रम प्रदान करना है.
गुरुवार, 27 दिसंबर 2012
हम हमारा जीवन प्रबंधन कैसे करे !
लेबल:
जीवन प्रबन्धन
M.A. Psychology, DNYS, DNHE, CHMS, Aayurved Ratn, CBT/ERP Therapy और संपर्क नंबर 98290 85951
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