शुक्रवार, 28 दिसंबर 2012

मेरे मन की, मेरी समस्याओं को किस को बताऊ !


मनोविज्ञान = मन का विज्ञान , मन आत्मा से सटा ठीक एक सिक्के के दो पहलुओं में एक आत्मा और दूसरा मन होता है . मन में विचार आते बुद्धि के रास्ते जो मानव की इन्द्रियों के प्रेरणा से शरीर की वर्तमान स्थिति जो, प्रेरणा ,ध्यान , धारणा,अनुभूति, व्यक्तित्व, व्यवहार, सबंधो का पारंपरिक रूप में अवधारणा जो चेतन से पूर्व अवचेतन या अर्धचेतन के रूप में विधमान रहती है उस को मानसिक कार्यो से व्यावहारिक गतिविधियों को अनुसंधानकर्ताओं का कार्य होता है .जिसमे व्यक्तिगत ,समूहों या असामाजिकता भी हो सकता है को संज्ञात्मक जो मानसिकता जो शारीरिक व्यवहार का कारणों का निवारणार्थ खोज ..खाने-पीने ,ओढ़ने-पहनने ,बातचीत में आधुनिक जीवन शैली से विकृत ,विप्रेरना को सुधारना और नई सूझ उत्पन्न करना मनोविज्ञान के चिकित्सकों का कार्य होता है ,           मेरी समस्याओं को किस को बताए उलझने बनी रहती है तो .आप को कोई परेशानी हो तो इसी पेज पर सम्पर्क करे .. 

भारतीय जीवन विज्ञान दर्शन बीज से शुरू होता है ...... .. गर्भावस्था जिसमें पहले दो प्रकार का समर्थन करता है एक सिक्का के रूप में वर्गीकृत के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं दो कल्याण पहलुओं है कि नकारात्मक पहलू उत्पादन के सकारात्मक पहलू पर बनाने की जरूरत है मानसिक और शारीरिक जीवन देता है कि में सन्तुलन .भारतीय जीवन के लिए जारी रखा अनाज मन की भूमिका को प्रधानता खाने के लिए अनाज होगा ... विचार और मन विज्ञान ज्ञान को विकसित करने के लिए है ......................




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