सोमवार, 31 दिसंबर 2012

हमारी आधुनिक जीवन शैली =

हमारी आधुनिक जीवन शैली = शारीरिक कर्म का अर्थ है इन्द्रियों के कार्य और इन इन्द्रियों के अवरोध का अर्थ है -सारे शारीरिक कर्मो का अवरोधक ,शरीर के मौन तथा स्थिर या स्वप्न के समय मन कार्यशील [ सक्रिय ] रहता है, परन्तु मन के उपर भी बुद्धि की सकल्पना शक्ति होती है, और बुद्धि के उपर स्वंय आत्मा है .इस आत्मा के अंदर बुद्धि , मन ,तथा इन्द्रियों स्वतः रत है. इस लिए इंद्रिय -विषय, इन्द्रियो से श्रेष्ठ है, और मन इंद्रिय -विषयों से श्रेष्ठ है , यानि आत्मा इंद्रिय-विषयों ,इन्द्रियों मन ,तथा बुध्दी इन सबके उपर है .बुध्दी के द्वारा स्थिति को ढूंढा जाता है ,,जिससे मन को सशक्त बनाया जाता है. बुध्दी पूर्वक अपने मन को प्रेरणा से चलायमान मन को संतुलित चेतन मन बनाया जा सकता है, बुध्दी द्वारा आत्मा और मन को प्रशिक्षित करना चाहिए ..

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