रविवार, 20 जनवरी 2013

.मूढ़ आज की आघुनिक जीवन शैली

हमारी आधुनिक जीवन शैली में मूढ़ प्रदर्शन = आप ने देखा होगा की आधुनिक जीवन शैली में मूढ़ता जो मनोदशा को प्रदर्शित करते हैं . जो अपनी मनोदशा के कारण शारीरिक प्रदर्शन दिखाई देता है ,मूढ़ वे होते है जो कठिन मेहनत करते और उस का फल कोई दूसरा उठता है .वो भार [ वजन ] उठाने में पशुओं की भाती निपट मुर्ख होते है जो नही तो अपने परिश्रम लाभ लेना जानते और अपने के साथ परिवार  वालो को भी दुखी करते है .इस का सबसे उत्तम प्रतीक है गधा ,गधा नही जनता की किसके लिए बोझ उठता है ,घास से ही संतुष्ट रहता है. अपने मालिक की मार से बचने के लिए कम ही सोता है ,गधी की बार बार लात के डर के बावजूद भी अपनी काम तृष्णा को पूरी करता है .जब वह गधी को देख कर प्यार का गीत गाता है तो उस  गाना जिस को लोग रेंगना कहते जिस से लोगो की शांति भंग होती है ,इस प्रकार के सकाम -कर्मियों की कामना है ,उनको नही मालूम की वे किस के किये कर्म कर रहे है और उसका परिणाम कौन प्राप्त करेगा मालूम नही होता है .ठीक ऐसे ही कुछ मानव अपनी मेहनत का फल नाम मात्र का उपयोग करते परन्तु उस गधे की भाती [ समान ] भर पेट या बिना खाने ही अपना कार्य करते रहती है .चाहे उनके पेट में अपचन ,घाव ,वृण आमाशय में भले ही  हो परन्तु वे माया के दास बनकर अपना जीवन गुज़ारते है  ......

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