मन के भाव जो प्रेरणा की गति और विगति = बात जून माह की है ,दोपहर की धुप मे माईनस से तीन मज़दूर आते ,अल्पाहार के रूप में के लिए तीनों ने कैला 1 दर्जन ख़रीदा, सभी ने चार चार आप में बाट लिया, एक ने केला खाते खाते केला का छिलका सडक पर फेक दिया ,दूसरे मज़दूर ने केला खाकर छिलके को मेरे पास पड़े कचरा पात्र में फेका और तीसरे ने केला खाने के बाद गाय को छिलका खिला दिया ,देखा जाए तो संस्कार तो तीनों को मिला ही होगा, परन्तु किस ने क्या ग्रहण यह विचार करने की बात है .पहला उद्दंडता और मुर्खता को प्रकट करता है जो तामसी विचार का ,दूसरा समझदार और गुणीजन के भाव प्रकट करता है जो राजसी भाव विचार है । तीसरा उद्दार और सज्जन के भाव प्रकट करता है जो समाजवादी ,समाज सेवा ,मानव सेवा को प्रदर्शित करता है जो सात्विकता को प्रस्तुत करता है . .
अपनी दिशा बदलो दशा अपने आप बदल जाएगी ,.. Change its direction will change on its own.. AAYURVED, MODREN, NUTRITION DIET & PSYCOLOGY गोपनीय ऑनलाइन परामर्श -- आपको हमारा परामर्श गोपनीयता की गारंटी है. हमारा ब्लॉग्स्पॉट, विश्वसनीय, सुरक्षित, और निजी है. एक उर्जावान, दोस्ताना, पेशेवर वातावरण में भौतिक चिकित्सा के लिए सर्वोत्तम संभव कार्यक्रम प्रदान करना है.
शनिवार, 5 जनवरी 2013
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