राखपत, रखापत सब से समानता का भाव होता है ! ' राख पत. रखा पत' ये राजस्थानी कहावत दिल को छु लेने वाली है, राखपत का मतलब होता है .आप से जो व्यक्ति व्यवहार रखता है इस को राख पत कहते है, जैसा सामने वाला आप को सम्माननीय कथन कहते है , ठीक उस से वापस उतर को देने वाले को सम्मान पूर्व कथन कहते है ,तो आप को इस क्रिया को रखापत कहते , जिस को खड़ी भाषा में जैसे को तेरा भी कहते जो थोड़ा शब्द कड़वाहट भरा लगता है ,आप को कोई अपने मित्र को जन्म दिन की बधाई नही होती है तो आप उस मित्र को सम्माननीय मानकर बधाई देते तो वह मित्र आप को भी सम्मान पूर्वक जब आप जन्म दिन आयेगा को वह ज़रुर आप को बधाई उसी अंदाज़ मे देगा जिसको आप कह सकते की भाई ये तो राख रखा पत है ,कभी कभी आपस मत भेद हो जाते जिस में वहम के साथ मजबूरियों से आवरण [ बंधन ] आ जाते तो आप को बुरा नही मानना चाहिए ,आप का फर्ज बनता की आप पर दर्शक बनिये, इस प्रकार पार दर्शक बनने से विषादपूर्ण विषय की जो खाई आती उस में आप की पार दर्शाता मेल मिलाप का पुल बनाने या मेल मिलाप की मेंहदी का रचने का कार्य करेगा .
अपनी दिशा बदलो दशा अपने आप बदल जाएगी ,.. Change its direction will change on its own.. AAYURVED, MODREN, NUTRITION DIET & PSYCOLOGY गोपनीय ऑनलाइन परामर्श -- आपको हमारा परामर्श गोपनीयता की गारंटी है. हमारा ब्लॉग्स्पॉट, विश्वसनीय, सुरक्षित, और निजी है. एक उर्जावान, दोस्ताना, पेशेवर वातावरण में भौतिक चिकित्सा के लिए सर्वोत्तम संभव कार्यक्रम प्रदान करना है.
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